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तिमाही नतीजे आने के बाद एचडीएफसी बैंक के शेयरों में 3 दिन में देखने को मिली 22.95 % गिरावट

एचडीएफसी बैंक के शेयरों में पिछले तीन दिनों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। माना जा रहा है कि कंपनी के शेयर में एक साल के टाइमफ्रेम में बदलाव दिख सकता है।

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • 2020 की गिरावट के बाद यह दूसरी बार दिखी सबसे बड़ी गिरावट

  • बैंक ने लिस्टिंग के बाद कुल 5 बार बड़ी गिरावट का सामना किया

  • एचडीएफसी के बैंक में विलय का फायदा मिलने में लग रहा समय

राज एक्सप्रेस । एचडीएफसी बैंक के शेयरों में पिछले तीन दिनों में 22.95 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। कोरोना संक्रमण की वजह से 2020 में होने वाली गिरावट के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। कंपनी के शेयर बाजार में प्रवेश के बाद से अब तक कुल 5 बार ऐसी गिरावट का सामना कर चुकी है। देश के सबसे मूल्यवान बैंक के शेयरों में गिरावट ने पूरे बाजार को प्रभावित किया है। एचडीएफसी के शेयर टूटने के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 10,500 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की है। यह एफआईआई की ओर से पिछले पांच सालों में एक दिन में की जाने वाली सबसे बड़ी बिकवाली है।

परेशानी में बीते निवेशकों के बीते तीन दिन

एचडीएफसी बैंक के निवेशकों के बीते तीन दिन बड़ी परेशानी में बीते हैं। पिछले तीन दिनों में उनकी संपत्ति में 22.95 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। शेयर बाजार में 5000 से अधिक कंपनियों वाले शेयर बाजार में गिरावट के बाद भी म्यूचुअल फंडों का भरोसा एचडीएफसी पर कम नहीं हुआ है। दिसंबर 2023 तक के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि म्यूचुअल फंडों का सबसे अधिक भरोसा एचडीएफसी बैंक पर देखने को मिला है। अधिकांश इक्विटी ओरिएंटेड स्कीमों की टॉप 5 होल्डिंग्स में एचडीएफसी बैंक का स्थान सुरक्षित है।

6 % म्यूचुअल फंडों का कंपनी में भरोसा बरकरार

दिसंबर तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार छह माह में 27 प्रमुख स्कीमों (6 फीसदी) ने एचडीएफसी बैंक के शेयरों को अपने पोर्टफोलियो से बाहर कर दिया है। अधिकांश बिकवाली अगस्त और सितंबर के माह में हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय से पहले जून तिमाही के नतीजे कमजोर देखने में आए थे। क्वांट म्यूचुअल फंड ने अगस्त 2023 में एचडीएफसी बैंक के शेयर बेचे थे। क्वांट म्यूचुअल फंड के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर संदीप टंडन के अनुसार जब उनके निष्कर्षों में सामने आया कि बैंकिंग सेक्टर की प्रासंगिकता घट रही है, तो उन्होंने इस स्टॉक को निगरानी में ले लिया। पिछले साल के सितंबर माह में जब सेक्टर के रिस्क एपेटाइट इंडिकेटर्स में गिरावट शुरू हो गई तो हमने एचडीएफसी बैंक को अपने पोर्टफोलियो से हटाने का निर्णय लिया।

27 कंपनियों ने फोर्टफोलियो से निकाले बैंक के शेयर

एसीईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार क्वांट स्मॉल कैप फंड ने अगस्त 2023 में एचडीएफसी बैंक के शेयरों की बिक्री की थी। इसके अलावा क्वांट ने क्वांट एब्सोल्यूट, क्वांट एक्टिव, क्वांट बीएफएसआई, क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर, क्वांट ईएसजी इक्विटी, क्वांट फ्लेक्सी कैप, क्वांट फोकस्ड, क्वांट लॉर्ज एंड मिडकैप, क्वांट लॉर्ज कैप, क्वांट क्वांटमेंटल और क्वांट वैल्यू से भी एचडीएफसी बैंक को अपने पोर्टफोलियो से निकाल दिया। आईसीआईसीआई इक्विटी फंड ने नवंबर 2023, आदित्य बिड़ला सनलाइफ प्योर वैल्यू फंड ने अगस्त 2023 और आईटीआई स्मॉल कैप फंड ने सितंबर 2023 में एचडीएफसी के शेयर बेचे थे।

गिरावट की मुख्य वजह बैंक के निराशाजनक तिमाही नतीजे

इनवेस्को इंडिया ग्रोथ अपॉर्च्यूनिटीज फंड ने सितंबर 2023 में निकासी की थी। इसके अलावा इनवेस्को ने इंडिया फोकस्ड 20 इक्विटी से भी एचडीएफसी बैंक को निकाल दिया। महिंद्रा मनुलाइफ स्मॉल कैप फंड ने अगस्त 2023 में एचडीएफसी बैंक के शेयर बेचे थे। इसके अलावा, महिंद्रा एएमसी (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) ने महिंद्रा मैनुलाइफ कंजम्पशन, महिंद्रा मैनुलाइफ फोकस्ड, महिंद्रा मैनुलाइफ लार्ज एंड मिड कैप, महिंद्रा मैनुलाइफ मल्टी कैप और महिंद्रा मैनुलाइफ स्मॉल कैप से भी एचडीएफसी बैंक को निकाल दिया। मोतीलाल ओसवाल लॉर्ज एंड मिडकैप फंड ने सितंबर 2023 में बैंक के शेयर बेचे थे। मोतीलाल ओसवाल एएमसी ने ईएलएसएस टैक्स सेवर से भी बैंक के शेयर निकाल दिए।

एक साल के टाइमफ्रेम पर निवेशकों का नजरिया बुलिश

दिसंबर तिमाही के नतीजे के बाद एचडीएफसी बैंक के शेयर तीन दिन में 22 फीसदी से अधिक टूट गए हैं। बैंक के शेयरों में गिरावट की मुख्य वजह एचडीएफसी बैंक के तिमाही नतीजों में गिरावट रही है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार दोनों कंपनियों के विलय का फायदा एचडीएफसी को मिलने में समय लग रहा है। अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है एचडीडीएफ अगले कुछ दिनों में अपने पुराने स्तर को हासिल कर लेगा। विशेषज्ञों ने 12 महीने के लिए 2000 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ इस शेयर को खरीदने की सलाह दी है। उनका मानना है कि बैंक की अर्निंग पर शेयर (ईपीएस) में अगले साल 2025 की पहली तिमाही से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

(डिस्क्लेमर: समाचारों में प्रकट किए जाने वाले निष्कर्ष, विचार, सिफारिश और सुझाव विशेषज्ञों के अपने होते हैं। वे राज एक्सप्रेस.क़ॉम का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

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