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इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के बाद गोल्ड-डॉलर जैसे सेफ एसेट्स में बढ़ सकती है निवेशकों की दिलचस्पी

इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष ने आर्थिक मोर्चे पर बडा दबाव पैदा किया है। लोग अब गोल्ड और डॉलर जैसे सेफ-हैवन एसेट्स की ओर रुख कर सकते हैं।

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • इजराइल के हमास के साथ युद्ध घोषित करने के बाद प्रभावित हो सकते हैं शेयर बाजार

  • भारतीय शेयर बाजार में सुबह-सुबह भारी गिरावट, लेकिन अमेरिकी बाजारों में तेजी

  • सोना और डालर में सबसे सुरक्षित माना जाता है निवेश, पैसे हर हाल में रहते हैं सुरक्षित

राज एक्सप्रेस। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच शुरू हुए मौजूदा संघर्ष ने आर्थिक मोर्चे पर भी बडा दबाव पैदा किया है। लोग अब गोल्ड और डॉलर जैसे सेफ-हैवन एसेट्स या निवेश के लिहाज से सबसे सुरक्षित माने जानी जाने वाली एसेट्स की ओर रुख करने को प्रे​रित कर सकती है। फिलवक्त निवेशक संशय में हैं। वे मौजूदा भू-राजनीतिक जोखिमों का आकलन करने के लिए मध्यपूर्व के घटनाक्रम पर नजर गड़ाए हुए हैं।

फिलिस्तीनी कट्टर इस्लामी समूह हमास ने शनिवार को इजराइल पर अचानक हमला कर दिया, जिसमें सैकड़ों इजराइली मारे गए हैं और हजारों घायल हो गए। इस हमले को हमास का सबसे बड़ा सैन्य हमला बताया जा रहा है। हमले के जवाब में इजराइल ने भी गाजा पर सैन्य कार्रवाई की जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए।

संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों ने हमास के हमले की निंदा की है। इन देशों ने इजराइल को हर तरह से मदद देने का आश्वासन किया है। वहीं, हमास के हमले की ईरान और ईरान के लेबनानी सहयोगियों हिजबुल्लाह ने सराहना की है। आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ते भू राजनीतिक संकट के बीच सोने और डॉलर जैसी एसेट्स पर निवेशकों की निर्भरता बढ़ सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यही कुछ मौके होते हैं जो बतातें हैं कि लोगों को सोने में निवेश क्यों करना चाहिए। यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय उथलपुथल के बीच भी बहुत अच्छा विकल्प है। एक बात और गौर करने की है, जब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल होती है, डॉलर हमेशा मजबूत होता है। इजराइल द्वारा हमास के साथ युद्ध की घोषणा के बाद वॉल स्ट्रीट में एक नया भू-राजनीतिक जोखिम पैदा हो गया है।

इजराइल पर हो रहे इन हमलों में ईरान के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। यह बात अगर सच है तो ईरान भी इजराइल की जवाबी कार्रवाई की चपेट में आ सकता है। यह घटना बाजार को कितना प्रभावित करेगी, यह अनुमान इस बात पर निर्भर करेगा कि यह संघर्ष कितने दिन तक जारी रहता है। अगर इसमें ईरान और लेबनान जैसे मध्यपूर्व के अन्य देश शामिल हुए तो फिर यह संघर्ष बडा रूप ले सकता है और काफी दिन चल सकता है। इसका असर दुनिया भर के शेयर बाजरों पर दिखाई दे सकता है।

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