Inflow of foreign currency into country has increased. Raj Express
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जेपी मॉर्गन चेज के ऐलान के बाद विदेशी निवेशकों ने सॉवरेन बॉन्ड्स में 780 अरब का निवेश किया

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल के सप्ताहों में डॉलर की खरीदारी बढ़ाई

  • अब तक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा देश का विदेशी मुद्रा भंडार

  • ब्लूमबर्ग भी एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करेगा भारतीय बॉन्ड

राज एक्सप्रेस । जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी के प्रमुख वैश्विक बॉन्ड इंडेक्सों में भारत के सरकारी बॉन्ड्स को शामिल करने के ऐलान के बाद से देश में नकदी का प्रवाह काफी बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है। पिछले साल सितंबर माह में जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी ने घोषणा की थी कि वह जून 2024 से भारत सरकार का बॉन्ड अपने बेंचमार्क एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करेगी। इस घोषणा के बाद से विदेशी निवेशकों ने पात्र सॉवरेन बॉन्ड्स में लगभग 780 अरब रुपये (9.4 अरब डॉलर) का निवेश किया है।

गौरतलब है कि कॉरपोरेट बॉन्ड प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंचा है। इस दौरान रुपया भी डॉलर की गिरफ्त से बाहर निकलता दिखाई दे रहा है। ब्लूमबर्ग ने भी घोषणा की है कि वह अगले साल 31 जनवरी से अपने एमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड्स को भी शामिल करेगा। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, निवेश की बाढ़ ने इंडियन फुली एक्सेसिबल रूट बॉन्ड को डॉलर के मामले में इस वर्ष 2.76% रिटर्न देने में मदद की है।

इन बॉन्ड्स को एफएआर के रूप में जाना जाता है। इनफ्लो ने उन्हें 2024 में लोकल करेंसी एमर्जिंग मार्केट गवर्मेंट डेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में से एक बनाने में मदद की है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से बढ़ा हुआ दखल भी इनफ्लो की वजह हो सकता है, जिसने हाल के दिनों में डॉलर फ्लो को खरीदना शुरू किया है। इसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ 642.63 अरब डॉलर के पास जा पहुंचा है। आरबीआई के इस हस्तक्षेप का मकसद मोटे तौर पर रुपये को सुरक्षा देना है।

ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल के सप्ताहों में खरीदारी बढ़ा दी है। फरवरी की शुरुआत से ही कुल 20 अरब डॉलर की खरीदारी की है। सरकारी ऋण में निवेश से कॉरपोरेट बॉन्ड को भी लाभ हुआ है, क्योंकि कॉरपोरेट बॉन्ड की कीमत काफी हद तक सॉवरेन बॉन्ड से कम होती है। जेपी मॉर्गन की घोषणा के बाद से टॉप-रेटेड 10-वर्षीय बॉन्ड्स पर यील्ड में लगभग 30 बेसिस पॉइंट की गिरावट देखने को मिली है।

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