फैसले के बाद अडाणी समूह की सभी दस कंपनियों के शेयर भागे
अडाणी पोर्ट्स व अडाणी एंटरप्राइजेज निफ्टी के टॉप गेनर्स में शामिल
कोर्ट के फैसले से समूह में लौटता दिखाई दिया निवेशकों का भरोसा
राज एक्सप्रेस। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अडाणी समूह की शेयर बाजार में लिस्टेड सभी दस कंपनियों के शेयर बुधवार को 11 फीसदी बढ़ गए हैं। अडाणी समूह के सभी शेयर इस समय हरे निशान में ट्रेड कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में दाखिल सभी याचिकाओं खारिज करते हुए इस केस की जांच में सीबीआई या एसआईटी से कराने की मांग को ठुकरा दिया है। शीर्ष अदालत ने अडाणी समूह को राहत देते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की जांच को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह जांच पूरी करने के लिए सेबी को तीन माह का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने बाद अडाणी समूह की सभी कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है।
गौरतलब है कि अडाणी के शेयरों में तेजी ऐसे समय पर आई है, जब अन्य शेयर गिरावट में कारोबार करते दिखाई दे रहे हैं। अडाणी समूह की फ्लैगशिप कंपनी मुख्य कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 5 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इसके साथ ही अडाणी समूह की एक अन्य कंपनी अडाणी पोर्ट्स में दो फीसदी की तेजी देखने को मिली है। अडाणी पोर्ट्स और अडाणी एंटरप्राइजेज, दोनों स्टॉक्स आज निफ्टी के टॉप गेनर्स में शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अडाणी समूह के शेयरों में लोगों का भरोसा लौटने लगा है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी।
जबकि, अडाणी विल्मर, अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी पावर, अडाणी टोटल गैस और अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस जैसे अडाणी समूह के दूसरी कंपनियों के शेयरों 3 से 11 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले का निर्णय सुनाते हुए कहा कि एफपीआई रेगुलेशन को रद्द करने का कोई आधार नहीं है, जिसकी वजह से अडाणी समूह के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली थी। शीर्ष अदालत ने सेबी को लंबित 2 जांचों को अगले 3 महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के संबंध में सेबी पर लगाए गए आरोपों पर अपना असंतोष जाहिर किया है। शीर्ष कोर्ट की बेंच ने यह भी कहा कि किसी तीसरे पक्ष की रिपोर्ट को निर्णायक सबूत नहीं माना जा सकता और उसकी ओर से गठित पैनल में हितों के टकराव का कोई मामला नहीं बनता है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन-सदस्यीय बेंच ने इससे पहले 24 नवंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हिंडनबर्ग ने बीते साल जनवरी में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में अडाणी समूह पर अपने शेयरों में गड़बड़ी और लाखा से जुड़े फ्रॉड का आरोप लगाया था। अडाणी समूह ने इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि यह एक सोची-समझी योजना के तहत समूह और भारत पर एक सोचा समझा हमला है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में जबर्दस्त गिरावट देखने को मिली थी। इस दौरान अडाणी समूह की कुल संपत्ति घटकर लगभग आधी हो गई थी।
कई याचिकाएं दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में मामले की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों की जांच के लिए सेबी को मई तक का समय दिया था। इसके बाद सेबी को जांच के लिए एक्सटेंशन दिया गया था। अडाणी समूह के खिलाफ सेबी कुल 24 मामलों की जांच कर रही है, जिसमें से 22 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है। अडाणी समूह दो जांचे पूरी करने के लिए सु्प्रीम कोर्ट ने सेबी को तीन माह का समय दिया है।
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