रेटिंग एजेंसी ने किया अडाणी पोर्ट्स को S&P इंडेक्स से बाहर Social Media
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रेटिंग एजेंसी ने किया अडाणी पोर्ट्स को S&P इंडेक्स से बाहर

हाल ही में अडाणी समूह ने म्यांमार की सेना के साथ व्यापारिक संबंधों के चलते हाथ मिलाया था। कंपनी के इस कदम के चलते अडाणी पोर्ट को S&P इंडेक्स से बाहर कर दिया गया है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत के विभिन्न समूहों में एक नाम अडाणी समूह का भी है, पिछले कुछ समय से यह नाम काफी चर्चा में रहा है। वहीं, हाल ही में अडाणी समूह ने म्यांमार की सेना के साथ व्यापारिक संबंधों के चलते हाथ मिलाया था, जिसका हर्जाना अब उन्हें भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि, कंपनी के इस कदम के चलते अडाणी पोर्ट को S&P इंडेक्स से बाहर कर दिया गया है। इस बारे में जानकारी स्टॉक मार्केट से सामने आई है।

अडाणी पोर्ट को किया S&P इंडेक्स से बाहर :

दरअसल, हाल ही में डाणी समूह ने व्यापारिक संबंधों के चलते म्यांमार की सेना के साथ हाथ मिला लिया था। जिससे बाद से कंपनी पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। क्योंकि, मंगलवार को कंपनी ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया है कि, आगामी 15 अप्रैल दिन गुरुवार को स्टॉक मार्केट के खुलने से पहले ही अडाणी समूह का नाम आधिकारिक तौर पर सूचकांक से हटा दिया जाएगा। उधर, म्यांमार की सेना पर पहले से ही मानवाधिकार हनन का आरोप लगा हुआ है।

अडाणी समूह का म्यांमार सेना से हाथ मिलाना सही है नहीं :

बता दें 1 फरवरी के सैन्य तख्तापलट के बाद करीबन 700 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। यह वह लोग थे, जिन्हें आंग सान सू की के नेतृत्व वाली एक निर्वाचित सरकार ने बाहर कर दिया था और अब ऐसे हालातो में अडाणी समूह का म्यांमार सेना से हाथ मिलाने की खबर सामने आई है। जो कि, बिल्कुल सही नहीं है। बता दें कि, भारत के सबसे बड़े निजी मल्टी-पोर्ट ऑपरेटर अडाणी ग्रुप म्यांमार के सैन्य समर्थित आर्थिक निगम (MEC) से लीज पर ली गई भूमि पर 290 मिलियन डॉलर में पोर्ट का निर्माण कर रहा है। हालांकि, पोर्ट डेवलपर ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अडाणी समूह का बयान :

बताते चलें, इस मामले में अडाणी समूह ने 31 मार्च को एक बयाना जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि, 'वह म्यांमार में अपने बंदरगाह परियोजना पर अधिकारियों और हितधारकों से बातचीत करेंगे। जबकि, मानवाधिकार समूहों ने बताया कि, सहायक कंपनी ने सैन्य-नियंत्रित फर्म को किराए में लाखों डॉलर का भुगतान करने के लिए सहमति व्यक्त की थी। ऐसे में जल्द ही पोर्ट पर काम शुरू हो सकेगा।'

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