अडाणी समूह अगले दस सालों में देश के हवाई अड्डों को विमानन केंद्रों में बदलेगा
समूह हवाईअड्डों के आसपास के क्षेत्र को व्यावसायिक केंद्रों के रूप में विकसित करेगा
जिसमें होटल होंगे, शापिंग माल्स और अन्य कारोबारी गतिविधियों के सेंटर्स होंगे
राज एक्सप्रेस। देश के प्रमुख कारोबारी गौतम अडाणी के नेतृत्व वाला अडाणी समूह अगले दस सालों में हवाई अड्डों के विकास पर 60,000 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करेगा। फिलहाल अडाणी समूह देश में सात हवाईअड्ड़ों का संचालन करता है। जबकि, उसका एक हवाईअड्डा निर्माणाधीन है। अडाणी समूह द्वारा संचालित किए जाने वाले हवाई अड्डों की सालाना यात्री वहन क्षमता 100 से 110 मिलियन है। अडाणी समूह की योजना 2040 तक उनकी क्षमता को 2.5-3 गुना बढ़ाने की है। अडाणी समूह अगले पांच सालों में समूह के हवाईअड्डों पर हवाई अड्डे के टर्मिनल और हवाई क्षेत्र की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 30,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा।
यह उस 18,000 करोड़ के अतिरिक्त होगा जो पहले ही नवी मुंबई हवाईअड्डे के पहले चरण के निर्माण में लगाया जा चुका है। अडाणी समूह ने बीते रविवार को लखनऊ में जिस नए एकीकृत टर्मिनल का निर्माण किया है, इसका रविवार को उद्घाटन किया गया है। अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड के सीईओ अरुण बंसल ने बताया कि हम गुवाहाटी में एक नया टर्मिनल बना रहे हैं। हमारी योजना है कि अहमदाबाद में भी एक नया टर्मिनल बनाया जाए। उन्होंने बताया कि अगले साल की शुरुआत में, नवी मुंबई हवाईअड्डा चालू हो जाएगा। इस हवाईअड्ड़े की क्षमता प्रति वर्ष 20 मिलियन यात्रियों की होगी।
अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अडाणी ने बताया कि अहमदाबाद और लखनऊ में समूह द्वारा संचालित हवाईअड्डे अगले दिनों में यूरोप और अमेरिका को सीधे संपर्क वाले विमानन केंद्रों में बदल जाएंगे। इस समय अहमदाबाद या लखनऊ जैसे स्थानों सॆ पश्चिम एशिया के लिए दिल्ली या मुंबई के रास्ते जाते हैं। यूरोप या अमेरिका के लिए भी उन्हें यहीं से प्लेन पकड़ना होता है। हमारा प्रयास है कि इन हवाई अड्डे का इस तरह से विकास किया आए कि इन्हें सीधे विदेशी गंतव्यों से जोड़ा जा सके।
इसके अतिरिक्त, अडाणी समूह की अगले दस सालों में आठ हवाईअड्डों के विकास पर 30,000 करोड़ का निवेश करने की योजना है। इस विकास में हवाईअड्डा परिसर में होटल, मल्टीप्लेक्स और अन्य सुविधाओं का निर्माण भी शामिल है। अडाणी समूह को उम्मीद है कि इस तरह हवाई अड्डों को विकसित करने से राजस्व में बड़े स्तर पर बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। वाणिज्यिक निवेशों के विभिन्न अनुमोदन के आधार पर दस वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है। बंसल ने बताया कि यह निवेश अडाणी समूह के आंतरिक धन से किया जाएगा।
इसके साथ ही बंसल ने अडाणी समूह द्वारा हवाईअड्डे और हरित हाइड्रोजन व्यवसाय के लिए 2.6 बिलियन फंड जुटाने की खबरों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता नवी मुंबई हवाईअड्डे को चालू करना और हवाई अड्डों के बास के विकास को शुरू करने की है। अडाणी समूह बाद में व्यवसाय के लिए आईपीओ लाने पर भी विचार कर सकता है। लेकिन यह भविष्य की योजना है, इस पर फिलहाल टिप्पणी करना ठीक नहीं है। बंसल ने कहा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी नजर हवाईअड्डा विकास के अवसरों पर होती है। हम इसमें भाग लेने की योजना बनाते हैं। यह सब कारोबारी रणनीतियों का हिस्सा हैं।
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