राज एक्सप्रेस। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद संकट में फंसा अडाणी समूह जल्द से जल्द इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए प्रयास कर रहा है। उसने पिछले दिनों में कई नए तरह के करार किए हैं, जिसके बाद से निवेशकों का समूह की कंपनियों में भरोसा लौटने लगा है। खबह है कि अडाणी समूह की एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी 22 करोड़ डालर (जो भारतीय मुद्रा में लगभग 1800 करोड़ रुपए होता है) लोन लेने के लिए करीब आधा दर्जन बैंकों से बातचीत कर रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद यह समूह का पहला डॉलर लोन होगा। माना जा रहा है कि यह कर्ज मिलने से निवेशकों का अडाणी समूह में भरोसा और मजबूत होगा और इसकी वजह से आने वाली दिनों में अडाणी समूह के शेयर एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकते हैं।
24 जनवरी को आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडाणी समूह के शेयरों में एक महीने से भी अधिक समय तक गिरावट रही है। इससे ग्रुप के मार्केट कैप को 100 अरब डॉलर से अधिक नुकसान हुआ है। शेयर बाजारों में लिस्टेड उनकी सभी दस कंपनियों के शेयर भारी दबाव में ट्रेड कर रहे हैं। उनकी मार्केट कैप में भारी गिरावट आई है और कभी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में शामिल तीसरे से 23वें नंबर पर खिसक गए हैं। अब अडाणी समूह इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए हाथ-पैर मार रहा है। इन प्रयासों के नतीजे अब दिखाई देने लगे हैं। अडाणी समूह का कारोबार कई सेक्टर्स में फैला है और उसकी दस कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद इन सभी कंपनियों के शेयर बुरी तरह से लड़खड़ा गए थे, लेकिन हाल के दिनों में संकट से बाहर निकलने के लिए शुरू किए गए प्रयासों के बाद निवेशकों का भरोसा धीरे-धीरे लौटने लगा है।
इस बीच, खबर है कि अडाणी समूह की डेटा सेंटर प्रोवाइडर कंपनी अडाणीकनेक्टएक्स डॉलर में लोन जुटाने के लिए कई बैंकों से बात कर रही है। उल्लेखनीय है कि अडाणीकनेक्टएक्स कंपनी अडाणी समूह और अमेरिका के वर्जीनिया स्थित एजकनेक्टएक्स का संयुक्त उद्यम है। कंपनी का कहना है कि वह इस लोन का इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंडीचर में करेगी। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ हफ्तों में लोन में साइन हो सकते हैं। हालांकि अडाणी समूह ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। अडाणी समूह और अमेरिकी कंपनी का ज्वाइंट वेंचर अडाणीकनेक्टएक्स देश के छह शहरों चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, नोएडा, पुणे और वाइजैग में डेटा सेंटर विकसित कर रही है।
उल्लेखनीय है कि एजकनेक्टएक्स दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट डेटा सेंटर ऑपरेटर है। अडाणीकनेक्टएक्स अगले दस साल में भारत में एक गीगावॉट कैपिसिटी का डेटा सेंटर विकसित करना चाहती है। इससे डिजिटल इंडिया को मजबूती मिलेगी। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह को अपनी प्राथमिकताओं में बदलाव करना पड़ा है। इस बीच गौतम अडाणी ने नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। अडाणी समूह अब आक्रामक तरीके से विस्तार करने के स्थान पर कर्ज कम करने पर ज्यादा जोर दे रहा है। गौतम अडाणी का मानना है कि फिलहाल सबसे पहली प्राथमिकता निवेशकों का भरोसा बनाए रखना है। उनका मानना है कि कर्ज की मात्रा घटने के अनुपात में ही निवेशकों का कंपनी के प्रति भरोसा लौटेगा। इसी रणनीति पर आगे बढ़ते हुए अडाणी समूह विभिन्न रूपों में अपनी देनदारियां खत्म करने का प्रयास कर रहा है।
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