राज एक्सप्रेस, नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने अडाणी टोटल गैस (एटीजीएल) के रेटिंग आउटलुक को स्टेबल से घटाकर निगेटिव कर दिया है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार अडाणी समूह की वित्तीय सेहत बेहद खराब है, इस वजह से उसने यह कदम उठाया है। आईसीआरए ने 3 मार्च को एटीजीएल के रेटिंग आउटलुक को घटाने की जानकारी दी है।
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेटिंग आउटलुक घटाने का फैसला, दो तथ्यों पर आधारित है। पहला,समूह की कंपनियों के शेयर मूल्यों में गिरावट आई है। दूसरा, विदेशी बाजार में अडाणी समूह की कंपनियों के बॉन्ड्स की डिमांड बढ़ी है।
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले माह जारी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों को बढ़ाने के लिए गलत तरीक़ों का इस्तेमाल किया गया और अकाउंटिंग में फ्रॉड किया गया है। इसके बाद एटीजीएल सहित अडाणी समूह की सभी कंपनियों के शेयरों की कीमतें धराशायी हो गई थीं।
हालांकि, 20 दिन की गिरावट के बाद 1 मार्च को एटीजीएल के शेयरों में तेजी दिखाई दी है। यह 4.85 फीसदी चढ़कर 713.20 रुपये पर बंद हुआ था। स्थिति से उबरने के अडाणी समूह के हालिया प्रयासों ने निवेशकों का भरोसा जीतने में सफलता हासिल की और इसी का नतीजा है कि एक मार्च के बाद से कंपनी के सभी शेयरों में भारी उछाल देखने को मिला है।
अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बढ़ोतरी का एक मार्च से शुरू हुआ सिलसिला 3 मार्च को भी जारी रहा। अडाणी समूह की सभी कंपनियों के शेयरों की कीमतें हरे निशान में बंद हुईं। शेयर मूल्यों में अचानक शुरू हुई बढ़ोतरी की वजह वह खबर बनी, जिसमे बताया गया है कि जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडाणी समूह मे 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जीक्यूजी पार्टनर्स अमेरिकी ग्लोवल इक्विटी इनवेस्टमेंट बूटिक फर्म है। इस खबर का असर 3 मार्च को एटीजीएल के शेयरों के अलावा समूह की अन्य कंपनियों के शेयरों पर भी पड़ा और कई कंपनियों के शेयरों में 5 फीसदी की उछाल देखने को मिली है। समूह के सभी कंपनियों के शेयर वृद्धि के साथ बंद हुए।
आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हालांकि, एटीजीएल ने छोटी अवधि में पूंजीगत की जरूरत पूरी करने के लिए पहले से समझौता किया है, लेकिन लंबी अवधि में इसे काफी ज्यादा पूंजीगत खर्च करने की जरूरत है। इसके लिए उसे काफी कर्ज लेने की जरूरत पड़ेगी। उसने कहा टोटलइनर्जीज एसई अडाणी टोटल गैस की को- प्रमोटर है, इससे कुछ हद तक रिस्क घट जाता है। लेकिन, टोटलएनर्जीज की तरफ से एटीजीएल में निवेश का फैसला काफी संवेदनशील होगा।
टोटलएनर्जीज एसई फ्रांस की एक ऑयल एंड गैस कंपनी है। इसकी एटीजीएल में 37.4 फीसदी हिस्सेदारी है। आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हालांकि, एटीजीएल ने छोटी अवधि में पूंजीगत जरूरतें पूरी करने के लिए पहले से समझौता किया है, लेकिन लंबी अवधि में इसे काफी ज्यादा पूंजीगत खर्च की जरूरत है। इसके लिए उसे काफी कर्ज लेने की जरूरत पड़ेगी।
टोटलएनर्जीज एसई अडाणी टोटल गैस की को-प्रमोटर है, इससे कुछ हद तक रिस्क घट जाता है। लेकिन, टोटलएनर्जीज की तरफ से एटीजीएल में निवेश का फैसला काफी संवेदनशील होगा। टोटलएनर्जीज फ्रांस के एक ऑयल एंड गैस कंपनी है, जिसकी अदाणी समूह की अडाणी टोटल गैस लिमिटेड में 37.4 फीसदी हिस्सेदारी है।
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