तेल की कीमतों में मंगलवार को तेजी देखने को मिली है।
ब्याज दरों में कटौती की संभावना से कच्चे तेल में आई तेजी।
ब्याज दर घटने से तेज होगा विकास, इससे तेल की मांग बढ़ेगी।
राज एक्सप्रेस । तेल की कीमतों में मंगलवार को तेजी देखने को मिली, क्योंकि निवेशकों ने मध्य पूर्व में पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव पर ध्यान केंद्रित किया और आशा व्यक्त की कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही अपनी ब्याज दरों में कटौती शुरू करेगा। उनका अनुमान है कि इस संभावित कटौती के बाद वैश्विक आर्थिक विकास की गति में तेजी आएगी और ईंधन की मांग बढ़ेगी। ब्रेंट क्रूड वायदा 26 सेंट या 0.3 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 79.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 16 सेंट या 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बढ़कर 73.72 डॉलर प्रति बैरल है।
आज के दिन कमजोर व्यापार देखने में आया क्योंकि बाक्सिंग डे के सार्वजनिक अवकाश के कारण कुछ बाजार बंद हैं। सीएमसी मार्केट विश्लेषक लियोन ली ने कहा कि ब्याज दर में कटौती की उम्मीद और लाल सागर में संघर्ष के कारण तेल की कीमतों में हालिया उछाल देखने को मिली है। उन्होंने कहा हालांकि जलमार्ग के माध्यम से शिपिंग मार्गों को फिर से शुरू करने की मेर्स्क की घोषणा ने आपूर्ति संबंधी चिंताओं को कुछ हद तक कम कर दिया है। उल्लेखनीय है कि मेर्स्क दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनियों में से एक है। बेड़े की क्षमता के लिहाज से यह कंपनी दुनिया में सबसे बड़ी है।
बता दें कि तेल वाहक जहाजों पर हमलों के बाद वैश्विक शिपिंग और व्यापार बाधित होने के बाद पिछले सप्ताह दोनों बेंचमार्क में लगभग 3 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। इसके साथ ही इज़राइल और हमास के बीच गाजा में नया संघर्ष शुरू होने की वजह से मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है और इसने कच्चे तेल के मूल्यों में बढ़ोतरी को प्रोत्साहित किया है। डेनमार्क के मेर्स्क ने एक बयान में कहा कि वह क्षेत्र में वाणिज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किए गए अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य अभियान की तैनाती को देखते हुए लाल सागर और अदन की खाड़ी में फिर से अपना शिपिंग संचालन शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
पिछले दिनों लूट की घटना के बाद शिपिंग कंपनियों ने लाल सागर के रास्ते अपने जहाजों का संचालन निलंबित कर दिया था, जो आगे स्वेज नहर से जुड़ता है। इसमार्ग से विश्व व्यापार का लगभग 12 फीसदी कारोबार किया जाता है। उधर, अलग से, ईरान ने सोमवार को अमेरिका के इस दावे का खंडन किया कि ईरान से लॉन्च किए गए एक ड्रोन ने हिंद महासागर में एक रासायनिक टैंकर को टार्गेट किया था।
पेंटागन ने सप्ताहांत में कहा था कि लाइबेरिया-ध्वजांकित, जापानी स्वामित्व वाला और नीदरलैंड संचालित केम प्लूटो जहाज को भारतीय तट से लगभग 200 समुद्री मील (370 किमी) दूर हिट किया गया था। तेल की कीमतें इस उम्मीद से भी बढ़ीं हैं कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व अगले साल ब्याज दरों में कटौती करने वाला है, क्योंकि शुक्रवार को जारी अमेरिकी आंकड़ों में कुछ प्रमुख उपायों से पता चला है कि मुद्रास्फीति अब केंद्रीय बैंक के 2 फीसदी लक्ष्य पर आ गई है या फिर उससे नीचे है। गौर तलब है कि कम ब्याज दरें उपभोक्ता की उधार लेने की लागत में कटौती करती हैं, जिससे आर्थिक विकास और तेल की मांग को प्रोत्साहन मिल सकता है।
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