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नेशनल स्टाक एक्सचेंज पर मई के महीने में 60 लाख शेयरों में किया गया लेन-देन, FIIs, NRIs रहे शुद्ध विक्रेता

NSE पिछले तीन सालों में F&O कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज बना हुआ है।

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस । नेशनल स्टाक एक्सचेंज (NSE) पिछले तीन सालों में F&O कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज बना हुआ है। मई में NSE के लगभग 57.8 लाख शेयरों में 2,986.55 रुपये प्रति शेयर के औसत मूल्य पर खरीद-फरोख्त की गई। मार्च और अप्रैल में क्रमशः लगभग 18 लाख और 70 लाख शेयरों का कारोबार किया गया। मई का टर्नओवर वैल्यू 1,645 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। मई में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 22.32 लाख शेयर बेचे। घरेलू निवेशकों ने 37.21 लाख शेयर खरीदे।

अनिवासी भारतीयों ने 15.09 लाख शेयर बेचे

अनिवासी भारतीय निवेशकों ने शुद्ध रूप से लगभग 15.09 लाख शेयर बेचे। मूल्य के संदर्भ में देखें तो माह के दौरान उच्चतम रिकॉर्ड 3,800 रुपये रहा, जबकि सबसे कम मूल्य 1,755 रुपये रहा। ब्रोकर्स का कहना है कि असामान्य रूप से कम मूल्य संकेत देते हैं कि लेन-देन टैक्स से बचने के इरादे से किया गया हो सकता है। बढ़ती लाभप्रदता और आईपीओ की उम्मीद के बीच अनलिस्टेड बाजार में एक्सचेंज का शेयर का भाव 2019 और 2021 के बीच 3,500-3600 रुपये तक पहुंच गया था। पिछले एक साल में औसत भाव घटकर 3,000 रुपये से नीचे आ गया है।

F&O कॉन्ट्रैक्ट्स में दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज है NSE

एनएसई के शेयरों में डील करने वाले ब्रोकर्स का कहना है कि डील होने और बोर्ड की मंजूरी के बाद शेयर ट्रांसफर होने में चार-पांच महीने का समय लगता है, कभी-कभी इससे भी ज्यादा समय लगता है। एनएसई शेयरों के लिए मजबूत चाहत आश्चर्यजनक नहीं है। पिछले तीन वर्षों से कारोबार किए गए F&O कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या के मामले में NSE दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज रहा है। भारत इस क्षेत्र में एकाधिकार रखता है। एक्सचेंज नकदी बाजार में भी लगातार बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रहा है। वित्त वर्ष 2013 में हिस्सेदारी 83 फीसदी से वित्त वर्ष 23 में 93 फीसदी तक पहुंच गई है।

यह विश्व स्तर पर नंबर एक डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म

फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 70 प्रतिशत के करीब है। यह विश्व स्तर पर नंबर एक डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म है। एनएसई के शेयर रखने वाले धनी निवेशकों की संख्या पिछले पांच वर्षों में तेजी से बढ़ी है। वित्तवर्ष 2021 के अंत में बमुश्किल 650 व्यक्तियों के पास NSE के शेयर थे। यह आंकड़ा अब 4,300 से अधिक है, जिसमें डीमार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी के अलावा उद्योग जगत के कई अग्रणी निवेशक शामिल हैं।

BSE के पास बहुत कम बाजार हिस्सेदारी

वहीं इसकी प्रतिद्वंदी बीएसई (BSE) के पास बहुत कम बाजार हिस्सेदारी है। रेवन्यू में धीमी ग्रोथ और ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन के आधे से भी कम की ग्रोथ देखने को मिली। समान मानदंड का उपयोग करते हुए एनएसई के शेयरों का मूल्य 4000 रुपये से ज्यादा होना चाहिए। वहीं अगर प्रमुख बाजार हिस्सेदारी के लिए प्रीमियम लागू किया जाए तो शायद 6000 रुपये से अधिक होगा।

डिस्क्लेमर: किसी भी तरह का निवेश करने के पहले आपके लिए यह जान लेना बेहद जरूरी है कि बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले आप स्वयं अध्ययन करें और किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। राज एक्सप्रेस किसी को बाजार में निवेश की सलाह नहीं देता।

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