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भारतीय कृषि-प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप के निवेश में दर्ज की गई 45 फीसदी गिरावट : रिपोर्ट

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • 2022 से 2023 के बीच वैश्विक स्तर पर कृषि-प्रौद्योगिकी निवेश में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है

  • एफएसजी का 2024 में भी निवेश में गिरावट का अनुमन, अगले साल 2025 में जताया वृद्धि का अनुमान

  • इसकी मुख्य वजह वैश्विक ब्याज दरों में बढ़ोतरी और बढ़ती अनिश्चितता के बीच निवेशकों का अधिक सतर्क रहना है

राज एक्सप्रेस। वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 के बीच भारतीय कृषि-प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप के निवेश में 45 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट में बताया गया कि इसकी मुख्य वजह वैश्विक ब्याज दरों में बढ़ोतरी और बढ़ती अनिश्चितता के बीच निवेशकों का अधिक सतर्क रहना है। परामर्श कंपनी एफएसजी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 से 2023 के बीच वैश्विक स्तर पर कृषि-प्रौद्योगिकी निवेश में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है।

2024 में भी निवेश में गिरावट आने का अनुमान जताया

एफएसजी ने 2024 में भी निवेश में गिरावट आने का अनुमान जताया है। वित्त वर्ष 2025 में इसके बढ़ने की संभावना है। एफएसजी ने उम्मीद जताई है कि स्टार्टअप्स लाभ बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टार्टअप को अपने व्यवसाय मॉडल में सुधार लाने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार निवेशकों के सतर्क रहने और अपने सीमित कोष को स्थापित व्यवसाय मॉडल में लगाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

अपने व्यवसाय मॉडल को परिष्कृत करने की जरूरत

कंपनी के प्रबंधक निदेशक (एशिया प्रमुख) ऋषि अग्रवाल ने कहा निवेश की गतिशीलता में बदलाव वैश्विक आर्थिक रुझानों के प्रति भारतीय कृषि-प्रौद्योगिक क्षेत्र की संवेदनशीलता को उजागर करता है। स्टार्टअप को अपने व्यवसाय मॉडल को परिष्कृत करने और लाभप्रदता की ओर बढ़ने के लिए इस धीमी निवेश अवधि का इस्तेमाल करना चाहिए।

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