10 महीनों में लाखों ने कराए PUC सर्टिफिकेट रिन्यू सांकेतिक चित्र
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दिल्ली सरकार के बड़े ऐलान के बाद 10 महीनों में लाखों ने कराए PUC सर्टिफिकेट रिन्यू

दिल्ली सरकार ने हाल ही में बड़ा ऐलान कर बिना PUC सर्टिफिकेट के पेट्रोल देने से मना कर दिया था। इसी के चलते यहां अब बड़े स्तर पर लोगों ने अपने PUC सर्टिफिकेट रिन्यू करवाए है।

Kavita Singh Rathore

दिल्ली, भारत। दिवाली के बाद से ही दिल्ली में एयर पॉल्यूशन काफी ज्यादा बढ़ गया है। इतना ही नहीं दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Air Quality) 'बहुत गंभीर' श्रेणी में चली गई है। ऐसे में अब तो दिल्लीवासियों के लिए दिल्ली की हवा जहर जैसी साबित हो रही है। हालांकि, यहां वायु गंभीर श्रेणी में पहुंचने के चलते कई तरह की सख्ती बढ़ा दी गई है। इसी के तहत दिल्ली सरकार ने हाल ही में बड़ा ऐलान कर बिना PUC सर्टिफिकेट के पेट्रोल देने से मना कर दिया था। इसी के चलते यहां अब बड़े स्तर पर लोगों ने अपने PUC सर्टिफिकेट रिन्यू करवाए है।

बड़े स्तर पर लोगों ने रिन्यू करवाए PUC सर्टिफिकेट :

दरअसल, वैसे तो दिल्‍ली में फैलने वाला पॉल्यूशन (Delhi Pollution) तो नाम से ही जाना जाता है। कभी-कभी तो मानों यहां की हवा जैसे लोगों के लिए जहर सी साबित होने लगती है। ऐसे ही हालात यहां एक बार फिर बन गए हैं। ऐसे में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली में अब वाहन चालकों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण (PUC) सर्टिफिकेट को जरूरी कर दिया है। इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने बिना PUC सर्टिफिकेट के पेट्रोल पंप से फ्यूल (ईंधन) नहीं देने का भी ऐलान किया था। इसी का नतीजा है कि, बीते 10 महीनों में, दिल्ली में लगभग 40 लाख वाहन मालिकों ने अपना PUC सर्टिफिकेट रिन्यू करवा लिया है। इस मामले में जानकारी परिवहन विभाग के आंकड़ों के द्वारा सामने आई है। हालांकि, अब तो सरकार यह आदेश वापस भी ले चुकी है।

बताते चलें, दिल्ली सरकार ने 12 अक्टूबर को आदेश जारी करते हुए कहा था कि, '25 अक्टूबर से वाहन मालिकों के लिए राजधानी के फिलिंग स्टेशन पर अपने वाहनों में ईंधन भरने के लिए वैध पीयूसी प्रमाणपत्र होना अनिवार्य होगा। हालांकि, इसके बाद शुक्रवार को फैसले को कैंसिल कर दिया गया था। इसके बाद भी परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है कि, 'अक्टूबर 2022 की 24 तारीख तक कुल 479,694 वाहन के मालिकों ने अपने वैध प्रदूषण नियंत्रण (PUC) सर्टिफिकेट रिन्यू करवाए। इस मामले में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया है कि,

'सर्टिफिकेट रिन्यू कराने वालों का यह आंकड़ा सर्दी के मौसम के आंकड़े के बराबर है। हमने फिलिंग स्टेशनों में प्रवेश करने वाले वाहनों के पीयूसी प्रमाणपत्रों की जांच के लिए विभिन्न फिलिंग स्टेशनों के पास 120 टीमें तैनात की हैं। जिन वाहन मालिकों के पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं है उन्हें तुरंत इसे प्राप्त करने की सलाह दी जाती है। बिना पीयूसी सर्टिफिकेट वाले वाहनों का भी चालान किया जाता है। इसकी कार्रवाई जारी रहेगी और जिनके वाहनों के पास पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं है, उन्हें तुरंत इसे लेने की सलाह दी जाती है।'
कैलाश गहलोत, परिवहन मंत्री

सरकार द्वारा जारी आंकड़े :

बताते चलें, नवंबर 2021 में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) के विश्लेषण में कहा गया था कि, दिल्ली में प्रदूषण फ़ैलाने वाले मुख्य स्रोतों में वाहनों का योगदान सबसे ज्यादा है। इसलिए सरकार ने यह आदेश दिए थे। वहीं, अब सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 'दिल्ली के 11 जिलों में 947 PUC केंद्र हैं और राजधानी में पंजीकृत 7.8 मिलियन से अधिक वाहनों में से 1,968,502 के पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं है। वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना चलने वाले वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190 (2) के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसके लिए तीन महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है।'

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