3 Airport Leased for 50 Years from PPP Model  Social Media
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इन तीन राज्यों के एयरपोर्ट दिए गए 50 साल के लिए लीज पर

PM मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कई सेक्टर्स में प्राइवेटाइजेशन किया गया है। इन्ही सेक्टर्स में एविएशन भी शामिल है। वहीं, अब सरकार ने देश के 3 एयरपोर्ट को प्राइवेट करने का फैसला कर लिया है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में बीते कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को काफी बढ़ावा मिला है। इस अभियान के तहत ही कई सेक्टर्स में प्राइवेटाइजेशन भी किया गया है। इन्ही सेक्टर्स में से एक एविएशन सेक्टर भी शामिल है। वहीं, अब सरकार ने देश के 3 एयरपोर्ट को प्राइवेट करने का फैसला कर लिया है।

एयरपोर्ट को लीज पर देने का ऐलान :

दरअसल, आत्मनिर्भर अभियान के तहत सरकार कई सरकारी संस्थानों में कुछ बदलाव करने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से उनका प्राइवेटाइजेशन कर देती है। इसी के तहत सरकार ने अब भारत के जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम राज्यों के एयरपोर्ट को सार्वजनिक निजी भागीदारी (Public Private Partnership-PPP) मॉडल के माध्यम से अगले 50 साल के लिए लीज पर देने का ऐलान कर दिया है। यानि कि, अब अगले 50 साल तक इन एयरपोर्ट का संचालन प्राइवेट कंपनियां करेंगी।

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड संभालेगी कमान :

बताते चलें, सरकार के इस फैसले के बाद जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम राज्यों के एयरपोर्ट की कमान अगले 50 साल के लिए मैसर्स अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड संभालेगी। अदाणी कंपनी का नाम नीलामी के आधार पर तय किया गया। इन एयरपोर्ट के ; लिए नीलामी के माध्यम से टेंडर मंगाया गया था। जिसमें सबसे ज्यादा बोली अडानी ग्रुप ने ही लगाई थी।

किए जाएंगे कई बदलाव :

बताते चलें, सरकार के इस PPP मॉडल के तहत तीनों एयरपोर्ट की प्रक्रिया में कई बदलाव किये जाएंगे। इनके द्वारा यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी। इन बदलावों के तहत

  • एयरपोर्ट के ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डेवलपमेंट प्राइवेट कंपनी करेगी।

  • यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर पार्किंग, बिल्डिंग के अंदर सभी दुकानों का संचालन प्राइवेट कंपनी करेगी।

  • एयरलाइंस के साथ ग्राउंड हैंडलिंग से संबंधित सभी कार्य भी प्राइवेट कंपनी ही करेगी।

  • मेडिकल और अन्य व्यवस्था देखने का काम भी प्राइवेट कंपनी करेगी।

एयरपोर्ट्स के लिए दी गई रकम :

बताते चलें, सरकार ने इस फैसले के साथ ही एयरपोर्ट्स के लिए 1 हजार 70 करोड़ की रकम देने का फैसला भी किया है। इस रकम का इस्तेमाल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया छोटे शहरों में एयरपोर्ट के विकास करने के लिए करेगी। ज्ञात हो, PPP मॉडल को हम प्राइवेटाइजेशन नहीं सकते। क्योंकि, PPP मॉडल के तहत यह एयरपोर्ट 50 साल तक के लिए लीज पर दिए गए हैं। 50 पूरे होते ही यह तीनों ही एयरपोर्ट दोबारा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Airport Authority of India) को मिल जाएंगे।

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