बैंकों की हड़ताल से अटके करोड़ों के चेक Syed Dabeer Hussain - RE
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बैंकों की हड़ताल से ग्राहकों को उठाना पड़ा नुकसान, करोड़ों के चेक अटके

बैंक के कर्मचारी देशभर में 15 और 16 मार्च को बैंक की हड़ताल पर रहे। इसके चलते देशभर में बैंक से जुड़ा कामकाज ठप्प पड़ गया। इसी के कारण बैंको में करोड़ों के चेक अटक गए।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। सरकार बैंकों का प्राइवटाइजेशन करने पर विचार कर रही है जिसके चलते बैंकों के कर्मचारी सरकार से नाराज चल रहे हैं। अपनी नाराजगी सरकार को बयां करने के लिए बैंक के कर्मचारियों ने हड़ताल का तरीका अपनाते हुए देश भर में 2 दिनों की बैंक हड़ताल का आह्वान किया है। सभी बैंक राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने के लिए उतरे हैं, लेकिन बैंकों की इन हड़ताल के चलते देशभर में बैंक से जुड़ा कामकाज ठप्प पड़ गया। इतना ही नहीं इसी के कारण बैंकों में 16.5 हजार करोड़ के चेक अटक गए। इस बारे में जानकारी भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन के महासचिव ने दी है।

बैंक की हड़ताल का असर :

दरअसल, बैंक के कर्मचारी देशभर में 15 और 16 मार्च को बैंक की हड़ताल पर रहे। इसके अलावा 13 मार्च को महीने का दूसरा शनिवार था जब बैंकों की छुट्टी रहती है और 14 मार्च को रविवार होने के कारण बैंकों की छुट्टी थी। इस प्रकार बैंक लगातार 4 दिनों से बंद हैं। जिसका सीधा असर बैंक के कामकाज पर पड़ रहा है। लगातार छुट्टियां होने के कारण बैंक 4 दिन यानी 13 मार्च से लेकर 16 मार्च (आज) तक बंद रहे। इस दौरान बैंकों से जुड़ा कोई कामकाज नहीं हुआ। इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ता नजर आया, क्योंकि, देशभर में लगभग 2 करोड़ के आसपास चेक का क्लीयर नहीं हो पाए। इन चेक की राशी देखी जाये तो वो कुल 16,500 करोड़ की राशि है, जो ग्राहकों की अटकी हुई है। इसके अलावा भी बैंकों की हड़ताल से नकद निकासी, जमा व कारोबारी लेनदेन पर भी असर पड़ रहा है।

भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन के महासचिव ने बताया :

बैंक की हड़ताल के चक्कर में ग्राहकों के अटके चेक और पैसे की जानकारी देते हुए भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन के महासचिव सीएच वेंकटचालम ने बताया कि, 'हड़ताल से देशभर में करीब 2 करोड़ चेक का क्लीयरेंस नहीं हो सका। इसमें कुल 16,500 करोड़ की राशि फंसी है।'

कैसे रहे बैंकों की हड़ताल के दो दिन :

बताते चलें, आज बैंकों की हड़ताल का दूसरा दिन था। इन दो दिनों में से पहले दिन सोमवार को बैंकों के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी शामिल हुए। यहीं हाल दूसरे दिन भी दिखाई दिया। बैंक के यह सभी कर्मचारी आज भी भी हड़ताल पर थे। जबकि, जब देश में लॉकडाउन था और पूरा देश बंद था तब भी देश के सरे बैंक खुले थे। बताते चलें, बैंकों की इस हड़ताल से यदि अकेले एक राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो सिर्फ यहां, इन दो दिनों के दौरान कुल 30 हजार करोड़ के लेनदेन पर असर पड़ा है। उधर नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ  बैंक इम्पलॉइज के प्रदेश महामंत्री केके सिंह ने बताया कि, '45 ग्रामीण बैंकों के एक लाख बैंककर्मी भी हड़ताल में शामिल हैं।'

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