राज एक्सप्रेस। अमेरिका के फर्स्ट रिपब्लिक को डूबने से बचाने के लिए अमेरिका के 11 बड़े बैंक मदद के लिए आगे आए हैं। इस पहल पर प्रतिक्रिया करते हुए अमेरिका की ट्रेजरी सचिव जेनेट एलन ने कहा कि सामूहिक प्रयासों से किसी संकट से बाहर निकलने का यह बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की बैंकिंग प्रणाली बेहद मजबूत है। उन्होंने आश्वस्त किया कि लोग अपनी जमाराशि को लेकर परेशान न हों। उन्होंने कहा कि सामूहिकता में बड़ी ताकत होती है। उल्लेखनीय है कि संकटग्रस्त फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को अमेरिका के 11 बैंकों ने लगभग 30 बिलियन डालर की सहायता की है। इन 11 बैंकों में जेपी मॉर्गन, सिटीग्रुप, बैंक ऑफ अमेरिका, वेल्स फार्गो, मॉर्गन स्टेनली, यूएस बैंकॉर्प, ट्रुइस्ट फाइनेंशियल, पीएनसी फाइनेंशियल जैसे प्रमुख बैंक शामिल हैं। मदद की खबर बाहर आने के बाद से ही शेयर बाजार में बैंक की वित्तीय सेहत में सुधार दिखाई देने लगा है।
जेनेट एसन ने कहा कि कारोबारी क्षेत्र में ऐसे उतार चढ़ाव आते रहते हैं। हमारे लिए महत्वपूर्ण यही है कि हम इनसे बचाव के लिए किन तौर-तरीकों पर निर्भर हैं। एक बैंक को इस तरह मिलकर संकट से निकालने की पहल महत्वपूर्ण है। यह हमारी आगे की दिशा भी तय करती है कि हमें किस तरह प्रगति के पथ पर आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के फर्स्ट रिपब्लिक को डूबने से बचाने के लिए जिस तरह अमेरिका के 11 बड़े बैंक मदद के लिए सामने आगे आए हैं, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। उन्होंने कहा यह आधुनिक युग में स्वागत योग्य पहल है। यह हमारे बैंकिंग सिस्टम के लचीलेपन का भी एक अच्छा उदाहरण है। फेडरल रिजर्व बोर्ड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल और फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस के चेयरमैन मार्टिन ग्रूनबर्ग ने भी इस पहल का स्वागत किया है।
फर्स्ट रिपब्लिक को डूबने से बचाने के लिए की गई इस पहल से बाजार में सकारात्मक संदेश गया है। 6 मार्च के बाद से जिस फर्स्ट रिपब्लिक के शेयर तेज गिरावट देखने को मिल रही थी, बैंक का शेयर लगभग 70 फीसदी टूट चुका था। 6 मार्च को इसका शेयर 122 डॉलर प्रति शेयर पर बंद हुआ था। फिर 8 मार्च को ये 115 डॉलर प्रति शेयर पर आ गया। 16 मार्च को एक समय ये 20 डॉलर के नीचे तक फिसल गया था, लेकिन इसके बाद बैंकों की मदद की खबर से मजबूती की धारणा वापस लौटी और यह शेयर करीब 10 फीसदी चढ़कर 34.27 डॉलर पर बंद हो गया।
आंकड़ों के अनुसार 2001 के बाद से अब तक 563 अमेरिकी बैंक डूब चुके हैं। अक्तूबर 2020 में कनसास स्थित अलमेना स्टेट बैंक के धराशायी होने के बाद अब सिलीकान वैली बैंक (एसवीबी) और सिग्नेचर बैंक का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो चुका है। एसवीबी और सिग्नेचर बैंक का पतन अमेरिकी इतिहास का दूसरा और तीसरा सबसे बड़ा बैंक पतन रहा है। वर्ष 2008 की मंदी के दौरान वाशिंगटन म्यूचुअल के साथ हुए हादसे को अब तक भुलाया नहीं जा सका है। उल्लेखनीय है कि कारपोरेट जगह में इस तरह सामूहिक प्रयासों से किसी डूबते बैंक को बचाने का यह पहला मामला नहीं है। आपको याद होगा इससे पहले भारत में एस बैंक को बचाने के लिए 8 बैंकों ने मिलकर सहायता की थी।
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